अस्वीकरण

अस्वीकरण

राजस्थान सरकार के राजस्थान राज्य सूचना आयोग (आरआईसी) की आधिकारिक वेबसाइट जनता को जानकारी प्रदान करने के लिए बनाई गयी है। इस वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना बिना किसी अन्य प्रकार की वारंटी "जैसा है" पर आधारित है। इस वेबसाइट में प्रदर्शित दस्तावेज और जानकारी केवल संदर्भ उद्देश्यों के लिए ही हैं।

आईटी विभाग द्वारा हर उपलब्ध अद्यतन, सही और सटीक जानकारी इस वेब पोर्टल पर उपलब्ध करवाने का संभव प्रयास किया है। यदि कोई गलतियां जब कभी सूचित किया जाने पर सुधरा जायेगा। अद्यतन और सुधार के परिणाम स्वरूप वेब सामग्री में परिवर्तन बिना किसी पूर्व सूचना के अधीन है। यदि कोई सूचना सही नहीं है या उसमें सुधर की ज़रूरत है, ऐसी अवस्था में, उपयोगकर्ता अपने स्तर पर, सम्बंधित सरकारी विभाग से तथ्यों की सत्यता, सत्यापित करने की सलाह दी जाती है।

कृपया यह भी धयान में रखे की इस वेब पोर्टल पर तृतीया पक्ष की वेबसाइट और अन्य सरकरी विभागों के वेब पृष्ठ बाहरी संधियों के रूप में उप्लबध कराये गए है, जिनके ऊपर हमारा कोई नियंत्रण या संबंध नहीं है और सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग इन् वेबस्इटों पर प्रकाशित सामग्री में किसी भी प्रकार की सटिकता और यथार्थता के लिए उत्तरदायी नही होगा। यह वेबसाइट बाहरी वेबसाइट है और इन् वेबसाइट पर जाने के पश्च्यात आप हमारी वेबसाइट से बहार हो जाते है।

हम उचित फ़ायरवॉल और एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर अपने कंप्यूटर पर डालने की सलाह देते है। यदि आप को हमारे पोर्टल से सूचना भेजने में कोई परेशानी या नुकसान, आप के कंप्यूटर में किसी प्रकार खराबी या ऐसा कुछ जो की हमारे नियंत्रण से बाहर है, हम ऐसी किसी परेशानी की ज़िमेदारी नही लेते है। हलाकि, हम आप की सहायता करने का प्रयास करेंगेे अगर कर सके तो।

इस वेबसाइट/पोर्टल पर प्रकाशित सामग्री को ईमेल भेज कर उचित अनुमति प्राप्त करने के पश्च्यात बिना किसी शुल्क के पुनःप्रकाशित किया जा सकता है। हलाकि, सामग्री को सटीक रूप में ही पुनःप्रकाशित किया जा सकता है और इस का उपयोग किसी को अपमानित करने या विचलित करने के संदर्भ नही किया जाये। जब भी सामग्री प्रकाशित या किसी अन्य को जारी की जाये, स्रोत प्रमुखता से स्वीकार किया जाना चाहिए। हलाकि, सत्त्वाधिकार वाले तृतीया पक्ष की सामग्री को पुनःप्रकाशित करने की अनुमति इसमें सम्मिलित नही है।

इन नियमों और शर्तों का शासन और अर्थ भारतीय कानूनो पर आधारित है। इन नियमों और शर्तों के तहत उत्पन्न होने वाले किसी भी विवाद भारत के न्यायालयों के अनन्य क्षेत्राधिकार के अधीन होगा।